यादों का पिटारा
फिर से सुहानी शाम आई है
संग अपने यादों का पिटारा लाई है |
माँ के घर के आँगन में एक पिटारा रखा है
उस पिटारे में हैं कुछ खट्टी, कुछ मीठी,
कुछ हँसी ठिठोली करती बातें
तो कुछ रुला देने वाली रातें |
चाय की चुस्कियों के साथ मैं
उस पिटारे को टटोलती गई
और उसमें से निकलती,
अनमोल यादों के मोतियों को
धागे में पिरोती चली गई |
उस पिटारे में हाँथ डाला तो
सबसे पहले निकली एक मिट्टी की चिड़िया,
जो है याद दिलाती कि बचपन में
मैं भी पंछियों की तरह,
अपने घर के आँगन में उड़ा करती थी |
दोबारा हाँथ डाला तो निकला
एक गुड्डा और गुड़िया,
दोनों थोड़े पुराने से हो गए थे
पर अब भी बड़े प्यारे लगते थे |
याद आया कि बचपन में हम
इनकी शादी करवाते थे और
गुड़िया की जगह गुड्डे की विदाई कराते थे
मन में कहीं यह ख़याल आया कि
काश ऐसा हकीकत में भी हो जाता |
माँ ने आवाज़ लगाई कि चाय ठण्डी हो रही है
पर मैं तो अपने पिटारे में ही गुम थी
फिर से हाथ डाला तो निकली कठपुतलियाँ,
जिनका हम बचपन में खेल दिखाते थे
जो अब टूट चुकी हैं पर फिर भी
खुशियाँ बहुतेरी बिखेरती हैं |
फिर एकाएक ख़याल आया कि
हम सब भी तो कठपुतलियाँ ही हैं और
ज़िन्दगी हमसे न जाने क्या- क्या तमाशे करवाती है |
तभी पीछे से एक आवाज़ कानों में पड़ी
मुड़कर देखा तो माँ थीं खड़ी |
माँ मुझसे कह रही थी कि
कहाँ इस पुराने पिटारे में उलझी पड़ी है
पर मैं बोली," माँ देख लेने दो इस पिटारे को
जी लेने दो मुझे फिर से बचपन को "
बचपन के दिन कितने अच्छे थे
जब हम सब बच्चे थे |
परेशानियों से दूर, शैतानियों में चूर
नाचते रहते थे पूरे घर में
लिए लड्डू दोनों हाथों में
माँ का आँचल, पिता का प्यार
भाई और बहन का वह दुलार,
आज भी याद आता है
और आँखें नम कर जाता है
पर दिल की दुनिया को
रौशन कर जाता है | |
It's beautiful ❤ heart touching 👌👌
ReplyDeleteIt's beautiful ❤ heart touching 👌👌
ReplyDeleteThanks dear..
DeleteNice!!
ReplyDeleteThank you 😊
DeleteSooo good
ReplyDeleteThanks 😊
DeleteSuperb.... this is really amazing you are a great writer😊🙏keep it up
ReplyDeleteThank you so much for your appreciation..
DeleteBeautifull dear ..
ReplyDeleteHeart warming ...keep expressing your thoughts��
ReplyDeleteThank you☺
DeleteBeautiful composition
ReplyDeleteThank you❤
DeleteAwesome blend of feelings and words.. u r super talended
ReplyDeleteThanks for such warm words.. 🥰
DeleteAwesome as always
ReplyDeleteDhanyawaad Sakhi.. ☺
DeleteKrati, very nice poem😲
ReplyDeleteThanks much Sonal..
DeleteThanks much dear..
ReplyDeleteNice lines ....
ReplyDeleteBeautiful and nostalgic
ReplyDeleteThanks much for your warm appreciation..
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