प्यार भरी पाती

प्यार भरी पाती 



पिया जी,
लिखी मैंने तुम्हें आज, एक प्यार भरी पाती 
हम दोनों एक साथ 
जैसे तुम दिया और मैं बाती  

तुम्हारे बिना तो मैं अन्धकार में गुम हो जाती | 
हम दोनों एक साथ, लिए हाँथों में हाँथ 
जैसे चाँद संग तारों की बारात | 

हम दोनों एक साथ जैसे नाव संग पतवार,
लड़े-झगड़े चाहे जितना पर साथ रहें सदा 
दिन चाहे सोमवार हो या इतवार | 

पिया जी,
हम दोनों की नोंक- झोंक 
चलती रहती सुबह- शाम,
हम कहें संतरा तो तुम कहो आम | 

जली- कटी एक दूसरे को भले ही सुना लें,
पर परस्पर प्रेम- सुधा बरसती रहती 
रास्ते भले ही जुदा हो हमारे पर मंज़िल रहती है एक,
तुम पीसो अपनी चटनी हम बनाए अपना केक | 

पिया जी,
लिखी मैंने तुम्हें आज प्यार भरी पाती,
सुख-दुःख सदा मिलकर बाँटते हम जीवनसाथी,
हम ठहरे पास्ता वाले पर तुम्हें तो दाल-रोटी ही भाती | 

तुम सूरज मैं साँझ पिया, 
तुम्हें न देखूँ तो न लागे जिया 
तुम्हें पसंद मोतीचूर लडडू, 
हमने तो रसोगुल्ला चाप दिया | 

पिया जी,
तुम हो पतंग और मैं तुम्हारी डोर,
ले चलो अपने संग चाहे जिस ओर 
हम तो करें सीधी- सादी बातें,
पर तुम्हारी बातों का तो
न कोई ओर न कोई छोर | 

न जाने हँसते-गाते, लड़ते-झगड़ते,
कैसे गुज़र गए ये साल 
लगता है जैसे कल ही की हो बात,
जब दूल्हा बने थे तुम और 
हम बने दुल्हन पहन चुनरिया लाल | | 

बस इतनी सी दुआ करते हैं आज 
यूँ ही बना रहे हम दोनों का साथ

बरसती रहे साईं कृपा सदा हम पर 
और जीवन पथ पर चलते रहें हम,
बहुतेरे सपने बुनते साथ- साथ,
लिए हाँथो में हाँथ | | 




Comments

Popular posts from this blog

वह मुस्कुराता चेहरा

बारिश की बूँदे

A Cute Christmas Letter