बहुत कुछ सीख लिया

बहुत कुछ सीख लिया  

तूफानों से अक्सर टकराते टकराते,
आज मैंने साहिल पर चलना सीख लिया
और हज़ारों बार रोते- रोते,
आज मैंने ग़म में मुस्कुराना सीख लिया | | 

खुले आसमान की चाह करते- करते,
आज मैंने बंद कमरे में जीना सीख लिया
और उम्मीदों पर खरा उतरते- उतरते,
आज मैंने उम्मीदों का दामन ही छोड़ दिया | | 

चाँद को देखकर आह भरते- भरते,
आज मैंने अँधेरे को ही दोस्त बनाना सीख लिया
और गुलाब को देखते- देखते ,
आज मैंने काँटो पर चलना सीख लिया | | 

हालातों से बेतहाशा लड़ते- लड़ते,
आज मैंने उनसे जीतना सीख लिया
और आसमानों से गिरते- गिरते,
आज मैंने पंख फैलाकर उड़ना सीख लिया | | 

सपनों के टूटने पर सिसकते- सिसकते,
आज मैंने सपने देखना ही छोड़ दिया
और अपनी कहानी सुनाते- सुनाते,
आज मैंने अपने दर्द छुपाना भी सीख लिया | | 

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