अपनी यह पोस्ट भी मैंने कोरोना काल में ही मई के महीने में लिखी थी | यह पोस्ट भी एक तरह का birthday wish ही है जो किसी ख़ास और अपने के लिए है | कोरोना से त्रस्त हो चुके जीवन में मैंने अपनी इस पोस्ट से अपनी मित्र मण्डली को थोड़ा गुदगुदाने की कोशिश करी थी | 😁😁आप भी पढ़कर बताइयेगा कि कैसी लगी |
जनहित में जारी :- सब्र के साथ पढ़ें और बिलकुल न हँसे 😁😁
आज जब माहौल को कमबख्त वायरस
ने बनाया हुआ है सीरियस,
तो हमने सोचा कि हम अपने शब्दों से
आप सभी को पिला दें थोड़ा सोमरस |
आप के जन्मदिन की अजब है कहानी
सुनो ज़रा हमारी मुँहज़बानी |
पहले तो हमसे कहा गया कि
वीडियो बनाकर भेजना है,
तो आनन- फानन हम जुट गए काम में
इतने रीटेक दे- देकर तो परफेक्ट शॉट दिया
पर इन ज़ालिमों ने उसका काम तमाम कर दिया |
फ़िर इन masterminds ने हमसे कहा कि सेल्फ़ी भेजो
अरे भई! अब काटो तो हमें खून नहीं
क्यूँकि हम सेल्फ़ी वाले इंसान नहीं |
लाख जतन किए हमने बहन, पर
न मिली एक भी सेल्फ़ी आपके साथ की |
थक हार कर बैठ गए जब हम,
घनघोर निराशा के बादलों के बीच,
ऐसे में प्रकट हुईं देवी पार्वती अँधेरे को चीर
और आशीर्वाद स्वरुप प्रदान करी हमें सेल्फ़ी की सौगात,
जिसे देखकर हमारा चेहरा खिल गया रातों रात | |
अब आगे बढ़ते हैं,
फ़िर हमसे कहा गया कि write-up दो पोस्टर के लिए
हम फ़िर से असमंजस में पड़ गए,
हम पोथि लिखने वाले कहाँ से
चंद शब्द ढूंढ के लाएँ,
और अपनी भावनाओं को हम कहाँ से
छोटे से पोस्टर में समाएँ |
क्यों भई! write-up तो हम पिछले साल ही दे दिए थे
अब एक साल में भावनाएँ थोड़े ही बदलती हैं,
बस उनमें और गहराई समां जाती है |
तो इस बार उसी write-up को आप
थोड़ा और गहराई और आत्मीयता के साथ पढ़ लीजिएगा |
हम आपके बहुत शुक्रगुज़ार रहेंगे
और बारम्बार बस यही दुआ करेंगे
कि आप सदा यूँ ही मुस्कुराती रहें, गुनगुनाती रहें
और घुंघरूओं की आवाज़ से हमारा जीवन सदा गुंजित करती रहें | |
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