आओ दोस्त
आओ दोस्त, कुछ दर्द बाँट लेते हैं |
कुछ अपने हाल तुम सुनाओ
कुछ हम अपने सुना देते हैं ,
दुनिया के सामने चलो अपने ग़म छुपा लेते हैं ||
इस ज़माने में सबको अपने ग़म दिखलाई देते हैं
हमारे बोल तो कोई सुनता नहीं ,
चलो हम तुम ख़ामोशी से ही
अपने दर्द बयाँ कर लेते हैं ||
यहाँ न किसी के पास वक़्त है
न सुनने का सब्र,
किसके सामने अपना दुखड़ा सुनाए
चलो एक दूसरे के काँधो पर रखकर सिर,
अपना हाले-दिल सुना देते हैं ||
आओ दोस्त, कुछ दर्द बाँट लेते हैं ||
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