मन कर रहा है


आज बहुत दिनों बाद कुछ लिखने का मन कर रहा है 
कि खुला आसमान देखकर उड़ने का मन कर रहा है | 
मत बाँधो मेरी इच्छाओं के पर 
कि आज चाँद को छूने का मन कर रहा है | 
उम्मीदों की बेड़ियों  में मत जकड़ो मुझे 
कि आज भरी बरसात में भीगने का मन कर रहा है | 
कर्तव्यों के बोझ तले न दबाओ मुझे 
कि आज कली से गुलाब बनने का मन कर रहा है | 
सबकी खुशियों के लिए न सूली चढ़ाओ हमें 
कि आज फिर जीने का मन कर रहा है | 
मुझे भी जी लेने दो अपनी इच्छा से 
कि आज फिर साँस लेने का मन कर रहा है | 
मन कर रहा है , बहुत मन कर रहा है 
कि आज अपने को आईने में देख ,
दूसरों के लिए नहीं , अपने लिए जीने का मन कर रहा है | 
आज बहुत दिनों बाद कुछ लिखने का मन कर रहा है | | 

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