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Showing posts from December, 2020

A Cute Christmas Letter

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 Dear Santa, Did you get my tweet? tell honestly and do not cheat. Hahaha! just kidding, I know you are so sweet that you will give me  lots of presents as a treat. I have also posted on your FB account about my dreams and desires so please take them into count. Hey Santa! one thing more, don't you dare to ignore LOL I have mailed you the list of the stuff so please arrange them without making any bluff. But still I am sad as I can not come out to meet you. This Corona is so bad. When will it all get over? I really have no clue. For you, to recognise me will be a huge task as I will be wearing a mask. This Christmas, I don't need presents and sweets just make my small wish come true. Let this Corona crisis be over once and for all so that I can enjoy every season whether it is summer or fall. I want to breathe in fresh air without a mask, Hope for me, You will complete this task.   Pic Credit:  https://adsharkmarketing.com/wp-content/uploads/Artboard-1-8-2.png ...

उसका आना

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 आज बहुत दिनों के बाद वह नीचे टहलने आई, उसे देखकर एक खुशी की लहर मेरे चेहरे पर दौड़ आई |  यूँ तो हम दोनों में कोई बात नहीं होती थी, पर फिर भी उसके आने का इंतज़ार रहता था | वह नीचे टहलती रहती थी अपने कानों में फ़ोन लगाए ज़रूर किसी अपने से ही बातें किया करती थी |  अपनी बातों में मगन, दुनिया से बेख़बर ऐसा लगता था मानों वह कुछ पल फुर्सत के अपने लिए उधार माँग कर लाई थी |  उसे देखकर न जाने क्यों अच्छा लगता था मानों उसके साथ कोई अनजाना रिश्ता सा था | कई बार सोचा कि उसे ऊपर से आवाज़ दूँ, फिर खुद को रोक लिया कि क्यों मैं उसके फुर्सत के लम्हों को कैद करूँ |  क्या पता लोगों से दूर, शायद तन्हाई में खुद को तलाशने आई है या किसी अपने से बात कर, अपना दर्द बाँटने आई है |  वजह कुछ भी हो उसके टहलने की पर उसका आना ही अच्छा लगता है शायद रात की तन्हाई में, मुझे भी उसमें कोई अपना लगता है | |  Pic credit: https://www.ncta.com/whats-new/keeping-human-connections-real-and-authentic-in-the-digital-age

चाँद मुस्करा रहा था

  कल रात झरोखे से देखा तो, चाँद मुस्करा  रहा था इतना मुस्करा कर, जाने कितने राज़ वह छिपा रहा था |  उसकी मुस्कराहट थी एक अजब पहेली, न मैं बूझ पाई और न मेरी सहेली | वह चाँद कुछ अपना सा लग रहा था मानों मुझसे ढेरों बातें कर रहा था  मेरी तरह वह भी, अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए, मानों कोई संगी- साथी ढूँढ़ रहा था | और मुझे हमराज़ बनाकर, अपने दिल के पन्ने खोल रहा था |  उसने मुझसे शिकायत की और बोला दूर से सब मेरी चमक देखते हैं पर पास आकर कोई, हाल-ए -दिल नहीं पूछता |  मेरी सुंदरता की तारीफ़ तो सभी करते हैं, पर इस भरी महफ़िल में, कोई मेरे सूनेपन को महसूस नहीं करता | उसकी बातें सुनकर तो ऐसा लगा मानों वह, मेरी ही कहानी अपनी ज़ुबानी सुना रहा था शायद इसीलिए वह कोई अपना सा लग रहा था |  मैंने चाँद से कहा - मायूस न हो ए दोस्त, यह तो है जीवन की हकीकत नहीं कोई कहानी चेहरे की हँसी तो सभी देखते हैं पर दिल की बेचैनी किसी ने न जानी |  दुनिया भागे बाहरी सुंदरता के पीछे पर मन का उजलापन किसी ने न पहचाना कहने को है रोज़ हज़ारों का आना- जाना | मेरी बात सुनकर चाँद ज़ोर से ...